धनबाद में थम नहीं रहा अवैध उत्खनन से मौत का खेल, घटना के बाद होता है प्रशासन सक्रिय

 



 


रिपोर्ट- पवन मोदी, धनबाद


धनबाद को देश की कोयला नगरी कहा जाता है.इसी धनबाद जिले में निरसा आता है, जो अवैध उत्खनन और कोयला तस्करी के लिए पूरे राज्य में कुख्यात है.। कोयला माफ़िया ईसीएल की विभिन्न आउटसोर्सिंग एवं बन्द पड़ी कोलयरियों से बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन करते हैं और साथ ही कोयले की तस्करी भी करते हैं। यह काम दिन के उजाले के साथ ही रत को भी होता है, वो भी पुलिस की नाक के नीचे।  हालांकि इस दौरान न जाने कितने ही निर्दोष लोग काल के गाल में  समां जाते हैं। लेकिन पुलिस के कानों पर  जूं तक नहीं रेंगती।  हां , अगर कोई बड़ी  घटना घटित हो जाती है, तो पुलिस दिखावे के लिए सक्रिय  हो जाती है। मामला ज्यादा न बढ़े , इसके लिए मीडिया को भी चढ़ावा चला जाता है .। यही कारण है कि सालों से अवैध उत्खनन के चलते लोगों की जानें जा रही हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। २३ जनवरी को भी एक ऐसा ही हादसा कापासारा आउट्सोर्सिंग खदान में हुआ, जहां अवैध उत्खनन में लगे करीब आधा दर्जन लोग चाल धसने से काल के गाल में समा गये। कुछ लोग तो खदान के दूसरे मुहाने पर पहुंचकर अपनी जान बचाने में  सफ़ल रहे, लेकिन अभी भी कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है.। उधर आउटसोर्सिंग कोलयरी में इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बाद ईसीएल प्रबंधन और प्रशासन लीपापोती में जुटा है। लेकि चालू खदान में इतनी बड़ी


दुर्घटना का होना जहां ईसीएल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है , तो वहीं प्रशासन के मिलीभगत की ओर इशारा भी कर रहा है. 


 


  


 


 


 


 


 


 


 


ओर  इशारा भी कर रहा है।