सेफ ड्राइव, सेव लाइफ

केन्द्र और राज्य सरकारें सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद देश भर में रोज़ सड़क हादसे हो रहे हैं। वजह है, लोगों में ट्रैफ़िक नियमों के प्रति जागरुकता की कमी और उनका पालन ना करना। इसी को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार सेफ़ ड्राइव, सेव लाइफ़ और नो हेलमेट, नो पैट्रोल अभियान चला रही है, जिससे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। सेफ़ ड्राइव, सेव लाइफ़ अभियान के तहत जगह-जगह बैनर, होर्डिग्स और कैनोपी लगाये गये हैं। इसके साथ ही पुलिस सभाओं, रैलियों, चौपालों, नुक्कड़ नाटकों, स्क्रीनिंग के जरिए लोगों को ट्रैफ़िक नियमों के बारे में समझा रही। है। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। स्कूल, कॉलेज हों, या फ़िर दूसरे शिक्षण संस्थान या फ़िर कोई सामाजिक कार्यक्रम, पुलिस हर जगह लोगों को ट्रैफ़िक नियमों के बारे में बता रही है, ताकि वो सीख लेकर खुद को किसी हादसे से बचा सके। वहीं 'नो हेलमेट, नो पैट्रोल' अभियान के तहत राज्य के सभी पैट्रोल पम्पों पर बिना हेलमेट के पैट्रोल ना देने का निर्देश दिया गया है। उधर पश्चिम बंगाल सरकार के 'सेफ़ ड्राइव, सेव लाइफ़ और 'नो हेलमेट, नो पैट्रोल' अभियान की राज्य के राज्यपाल केएन त्रिपाठी ने भी तारीफ़ की हैं और लोगों से इन अभियानों से जुड़ने की अपील की है। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए शुरु हए 'सेफ़ ड्राइव, सेव लाइफ़' और 'नो हेलमेट, नो पैट्रोल' अभियान का असर भी दिखने लगा है। राज्य में सड़क हादसों में अच्छी ख़ासी कमी देख़ने को मिल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जहां साल 2016 में 13580 सड़क हादसों में 6584 लोगों की जान गयी, तो वहीं 2017 में राज्य में 11705 सड़क हादसे हुए, जिसमें 5625 लोगों की जाने गर्थी । हालांकि इस दौरान राज्य में ट्रैफ़िक बढ़ा। 'सेफ़ ड्राइव, सेव लाइफ़' और 'नो हेलमेट, नो पैट्रोल' अभियान के तहत सड़क हादसों में आयी कमी ने राज्य सरकार को भी उत्साहित किया है। अब सरकार इस अभियान को और बड़े स्तर पर लागू कर रही है। राज्य में मुख्य सड़कों और चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। विशेष नाका पोस्टों की संख्या में इजाफ़ा किया जा रहा है। सार्वजनिक वाहनों और अग्निशमन गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके साथ ही चालकों को बेवजह परेशान करने वाले पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्घटना रोकने वाले पुलिसकमियों  को ईनाम देने की भी घोषणा की ।



पश्चिम बंगाल सरकार सड़क  हादसे रोकने के उद्देश्य से 'सेफ हाइव, सेव लाइफ' और 'नो हेलमेट, नो  पैट्रोल ' अभियान चला रही है। इसके बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। में लोगों से अनुरोध किया कि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकार के इन अभियानों से जुड़े।


आसनसोल-दुर्गापुर कमिश्नरेट में यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं, साथ ही वाहनों की जांच के लिए विशेष नाके बनाये गये हैं, ताकि ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ तुरन्त कारवाई की जा सके। इसके अलावा चालकों को परेशान करने वाले पुलिसकमियों पर भी कारवाई की जा रही है।



सरकार के 'सेफ़ ड्राइव, सेव लाइफ' और 'जो हेलमेट, जो पैट्रोल' अभियान के तहत पश्चिम बर्धमान  जिले में लोगों को सूचना के विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए नुक्कड़ नाटकों, परम्परागत लोक संगीत और स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गयी है, ताकि कम पढे लिखे या निरक्षर लोग भी  ट्रैफिक नियमो को समझ सके और उनका पालन कर सके। इसके । साथ ही बजट, पोस्टर और ए स के द्वारा भी शहर के नागरिकों को यातायात नियमों का पालन करने की हिदायत दी गयी है।


पुलिस द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान में मानवता का भी रुप देखने को मिल रहा है। दूर-दराज से आने वाले ट्रक चालकों को पुलिस ना सिर्फ़ यातायात नियमों के बारे में बाता रही है, बल्कि उन्हें चाय नाश्ते का भी प्रबंध कर रही है। इसके साथ ही पुलिस उन्हें संकल्प भी दिलवा रही है कि वो ट्रैफ़िक नियमों का पालन करें, जिससे आम जनता में उसकी पुलिस मित्र की छबि बन रही है।