अवैध संबंध की खातिर डॉक्टर बना क़ातिल


कहते हैं अवैध संबंधों का अंत अक्सर घातक ही होता है। यह बात एक बार फ़िर सच साबित हुई है, उड़ीसा के बेहरामपुर में, जहां एक महिला के एक व्यक्ति से प्रेम संबंध थे। इसी बीच दोनों की अलग-अलग जगह शादी हो गयी और समय के साथ दोनों के प्रेम संबंधों में ठहराव आ गया। लेकिन अचानक महिला के पति की मौत हो गयी और महिला का अपने पुराने प्रेमी से फ़िर मिलना-जुलना शुरू हो गया। लेकिन इस दौरान महिला के अपने मालिक एक डॉक्टर से भी संबंध बन गये। लेकिन जब उस डॉक्टर को महिला के पहले प्रेमी के बारे में पता लगा, तो उसने एक साजिश रचकर महिला के पहले प्रेमी को मौत के घाट उतार डाला और अपने गुनाह को छुपाने की नाकाम कोशिश की। लेकिन एक अज्ञात फ़ोन कॉल ने उस शैतान डॉक्टर की करतूत से पर्दा उठा ही दिया।


उड़ीसा के बेहरामपुर की रहने वाली ममता के अपने पड़ोस के ही विष्णु प्रसाद गौड़ा नाम के एक युवक से प्रेम संबंध थे। ममता एक नर्स थी, जबकि विष्णु गौड़ा एक मेडिकल स्टोर पर काम करता था। लेकिन विष्णु के परिवारवालों को यह रिश्ता पसंद नहीं था। लिहाजा विष्णु ने अपने परिवार की इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी पसंद से शादी कर ली। इसके बाद ममता ने भी कहीं और शादी कर ली। इस तरह दोनों की राहें अलग हो गयीं। इस दौरान ममता एक क्लीनिक से दूसरे क्लीनिक में नौकरी करती। रही, तो विष्णु भी अपनी मेडिकल स्टोर की नौकरी छोड़कर बैंक एजेंट के रूप में काम करने लगा। लेकिन कुछ साल बाद ममता के पति की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। इस पर विष्णु फ़िर से ममता के करीब आ गया और दोनों फ़िर से एक दूसरे से मिलने लगे। लेकिन  इस कहानी में नया ट्विस्ट तब आया, जब साल 2018 के शुरूआत में ममता जिस गायत्री क्लीनिक में नर्स थी, वहां के डॉक्टर ऋषिकेश का दिल ममता पर आ गया और एक दिन उसने ममता के सामने अपनी इच्छा भी जाहिर कर दी। चूंकि ऋषिकेश का समाज में एक रसूख था और उसकी कमाई भी अच्छी थी, लिहाजा ममता ने डॉक्टर ऋषिकेश के प्रस्ताव पर हामी भर दी और दोनों बतौर प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे के साथ समय गुजारने लगे। इसी तरह समय बीत रहा था और ममता व डॉक्टर ऋषिकेश एक दूसरे के करीब आते जा रहे थे। लेकिन एक दिन जब ममता अपने पुराने प्रेमी विष्णु से फ़ोन पर बात कर रही थी, तो डॉक्टर ऋषिकेश को ममता पर शक हो गया और डॉक्टर ऋषिकेश ने ममता पर नज़र रखनी शुरू कर दी। जल्द ही डॉक्टर ऋषिकेश को ममता और विष्णु के रिश्ते का पता चल गया। इस पर डॉक्टर ऋषिकेश बौखला गया। उसे लगा कि ममता उसे धोखा दे रही है। हालांकि उसने अपनी प्रेमिका से तो कुछ नहीं कहा । लेकिन डॉक्टर ऋषिकेश के मन में एक खतरनाक साजिश चल रही थी। उसने मन ही मन ठान लिया, कि वो विष्णु को अपने रास्ते से हटाकर ही दम लेगा। अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए डॉक्टर ऋषिकेश ने पहले तो ममता के प्रेमी विष्णु से संबंध बढ़ाने शुरु कर दिये और जल्द ही उसने विष्णु का भरोसा जीत लिया। इस दौरान डॉक्टर ऋषिकेश को विष्णु के बारे में कुछ अहम जानकारी मिली। डॉक्टर ऋषिकेश को पता लगा कि विष्णु शराब का आदी है। डॉक्टर ऋषिकेश ने विष्णु की इसी कमी को अपना हथियार बना लिया। उसने विष्णु को उसकी शराब छुड़वाने का लालच दिया। उसने विष्णु को बताया कि आजकल ऐसे डी-एडिक्शन इंजैक्शन आते हैं, जिनके इस्तेमाल से शराब छुड़वाई जा सकती है। इस पर विष्णु वो इंजैक्शन लगवाने को राजी हो गया। तय समय के मुताबिक, डॉक्टर ऋषिकेश ने विष्णु को अपने घर बुला लिया। सबसे पहले उसने विष्णु को चाय पिलाई, फ़िर वो उसे दूसरे कमरे में ले गया और डी-एडिक्शन इंजैक्शन देने के नाम पर उसने विष्णु को बेहोशी का इंजैक्शन दे दिया। इसके बाद जैसे ही विष्णु बेहोश हो गया, डॉक्टर ऋषिकेश ने सर्जरी ब्लेड से विष्णु के पैर में टखने के पास एक ख़ास नस को काटा। चूंकि ऋषिकेश डॉक्टर था और उसे शरीर के ताने बाने के बारे में पूरा पता था, इसलिए नस काटने के बाद जल्द ही विष्णु के शरीर से सारा खून निकल गया। इसके बाद डॉक्टर ऋषिकेश ने गर्दन से उसका सिर काटकर अलग किया और फ़िर कमर के पास से दोनों पैर काट दिये। इसके बाद उस शैतान डॉक्टर ने विष्णु के शरीर के टुकड़ों को अलग- अलग पॉलिथिन बैग में पैक किया। इससे बाद उसने अपने नौकर गंगा की मदद से पैक किये इन बैगों को अपनी कार में रखा और बड़ा गुमला इलाके में ले गया। उसने उन बैगों को एक गड्ढे में फेंक दिया, जहां वो अक्सर अपने क्लीनिक का बायोमेडिकल कचरा फ़िकवाता था। इसके बाद उसने इस गड्ढ़े को सीमेंट के एक ढक्कन से ढंकवा दिया। कहीं उसके गुनाहों से पर्दा ना उठ जाये, इस आशंका को भांपकर डॉक्टर ऋषिकेश ने दो दिन बाद ही इस गड्ढे को परमानेंट तरीके से ही बंद करवा दिया। उधर जब विष्णु दो दिन तक घर नहीं आया, तो उसकी पत्नी ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवा दी। पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी कि इस बीच विष्णु की पत्नी के पास एक अज्ञात फ़ोन कॉल आयी, जिसमें विष्णु की हत्या की बात कही गयी थी। इस बात को विष्णु की पत्नी ने पुलिस को बताया। इसके बाद पुलिस ने कुछ सुरागों के आधार पर डॉक्टर ऋषिकेश के नौकर गंगा को उठा लिया और उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने सारी कहानी बयां कर दी। पुलिस ने गंगा की शिनाख्त पर विष्णु की लाश के टुकड़े भी बरामद कर लिये। वहीं कत्ल के बाद भुवनेश्वर भाग चुके डॉक्टर ऋषिकेश को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, डॉक्टर ऋषिकेश ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है। वहीं प्रेम त्रिकोण में हुई इस हत्या की चर्चा पूरे राज्य में है। लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि डॉक्टर, जिसे वो भगवान का दर्जा देते हैं, वो इतना भयानक गुनाह भी कर सकता है।